Home ZeeNewsLive मनीष सिसोदिया नेदगा निशाना कहा LG के हिसाबसे हे खुला था दिल्ली में दुकाने

मनीष सिसोदिया नेदगा निशाना कहा LG के हिसाबसे हे खुला था दिल्ली में दुकाने

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Manish Sisodia ने कहा 

2021-22 पर लागू की गई उस पॉलिसी के इफेक्टिव इंप्लीमेंटेशन को रोक के किस तरीके से कुछ ताकतवर लोगों ने किस तरह के ताकतवर लोगों ने किस तरह के दुकानदारों को फायदा पहुंचाया और सरकार को उसकी वजह से कैसे नुकसान  इसका विवरण में आपके सामने रखना चाहता हूं | 

यह विवरण मैंने सीबीआई को भेजा है और उन से रिक्वेस्ट है कि इसकी जांच करें कि किस तरह से सरकार को नुकसान पहुंचाया गया कुछ दुकानदारों को फायदा पहुंचाया गया सरकार द्वारा पॉलिसी में फेरबदल करके इस तरीके से चेक करके इसकी डिटेल के सामने रख लूंगा पढ़ाई के बारे में थोड़ी सी चीजें जो आपके सामने देता हूं |आपको पता है आपको जानकारी है कि सरकार ने 2021 में मई के महीने में एक्साइज पॉलिसी पास की किया था मई 2021 में हम के महीने में नई एक्साइज पॉलिसी पास की कैबिनेट ने पास किया था मई 2021 में पास नई एक्साइज पॉलिसी में हमने लिखा था कि पॉलिसी पॉलिसी उसमें भी लिखा गया था कि दिल्ली में दुकानों की संख्या बढ़ाई जाएगी दुकानें होनी थी तो इसमें भी लिखा गया था कि पूरी दिल्ली में दुकानों की संख्या बढ़ाई नहीं जाएगी बल्कि 849 की रहेगी पहली पॉलिसी के बराबर ही रहेगी पहली पॉलिसी में 810 दुकानें बहुत ऑन लिविंग तरीके से बची हुई थी |

किसी किसी वार्ड में 20-20 व 25-25 दुकानें थी तो कहीं बिल्कुल नहीं थी कई ऐसे मॉल से जहां पर 10-10 व 15-15 तो शायद भी चुकाने की एक मॉल में कई जगह मार्केट से बिल्कुल दुकाने नहीं थी इसलिए नई एक्साइज पॉलिसी में 1 प्रिंसिपल रखा गया और बहुत लगेगा करके एक यूट्यूब डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ सोएगा दुकाने नहीं पड़ेगी लेकिन इक्विटेबल डिसटीब्यूशन रहेगा लगभग लगभग बराबरी से बांटा जाएगा पूरी दिल्ली में ताकि कहीं बुझी ना हो ताकि कहीं कोई गड़बड़ी ना हो तो यह पॉलिसी का इंपॉर्टेंट था मई 2021 में यह पॉलिसी पास करके कैबिनेट से पास करके एलजी साहब के पास मंजूरी के लिए भेजी गई इस पॉलिसी को मंजूरी देने से पहले एलजी साहब ने पूरी पॉलिसी को बहुत ध्यान से पढ़ें और उसमें कई महत्वपूर्ण बड़े-बड़े संधि किस में यह परिवर्तन कर दो यह परिवर्तन कर दो इस तरह का बदलाव करो एलजी साहब के सारे सजेशंस को स्वीकार करके कैबिनेट ने फिर से जून में नई पॉलिसी एलजी साहब के पास भेजी और इस तरह से फिर उसको एलजी साहब ने मंजूरी दी एलजी साहब के पास दो बार जाकर बहुत ध्यान से पढ़ कर उन्होंने इस पॉलिसी को पास किया था उस पॉलिसी में यह लिखा हुआ था जगह-जगह जोर देकर डिस्ट्रीब्यूशन को किया जाएगा यह जो एक ही जगह शराब की दुकानों के अंबार लगे हुए कुछ ना कुछ मॉल में दुकानें नहीं बढ़ाई जाएगी लेकिन इसको लगभग लगभग बराबरी पर बांटा जाएगा यहां तक कि एरिया में भी बांटा जाएगा यह भी लिखा हुआ था इसमें लिखा हुआ था कि हर वार्ड में दुकानें तो नहीं पड़ेगी |

पूरी दिल्ली में लेकिन हर वार्ड में लगभग लगभग 2 से 3 दुकानें हो जाएंगे तो एक्सीडेंट हो जाएगा मैं पॉलिसी भी आपको दे दूंगा साफ-साफ की टेबल पर काम करेगी और पूरी दिल्ली में लगभग बराबरी पर दुकान बाटी जाएंगी इंक्लूडिंग एरिया जाएंगी जिसमें बहुत सारे सजेशन और दिए पॉलिसी में चेंज करने के और बहुत ध्यान से पॉलिसी पड़ी थी उस समय मैं तो एलजी साहब ने आपत्ति की प्राइस एरियाज में शराब की दुकानें नहीं खुली चाहिए ना उसका बदला ना उन्होंने कोई आपस में कोई बदलाव का सुझाव दिया बल्कि मंजूरी थी दो बार पॉलिसी को पढ़कर मंजूरी दी काफी ध्यान से पढ़ कर मंजूरी दी और जल्दी साहब से मंजूर करा कर उस पॉलिसी के तहत टेंडर किए गए और सरकार के अनुमान से लाइसेंस में 25 परसेंट ऊपर रखें लाइसेंस के लिए दुकान खोलने की गजब दुकानें खोलने की फाइनेंस एड्रेस आपके पास ही तो वहां एलजी साहब ने अपना स्टैंड चेंज किया पहले जब पॉलिसी में गया कि हेलो फ्रेंड्स कॉलोनी में भी दुकानें खुलेगी इक्विटेबल डिसटीब्यूशन होगा उस समय एलजी साहब ने कोई ऑपरेशन नहीं किया पॉलिसी पास कि सारे रूम पास किए सब कुछ पास किया लेकिन जब दुकान में खुलने की फाइल एलजी साहब के पास पहुंची तो वहां पर एलजी ऑफिस में कुछ बदलाव हुआ एलजी ऑफिस ने अपना निर्णय बदला यहीं पर इसकी सारी जड़ है कि किस तरह से नुकसान हुआ आपको जानकारी के लिए बता दूं कि यह दुकानें खोलने के प्रस्ताव नवंबर के महीने में एलजी साहब के पास पहुंचे |

क्योंकि 17 नवंबर से दुकानें खुली थी नवंबर के पहले हफ्ते में हिंदी साहब के पास प्रस्ताव भेजे गए पत्र से दुकानें खुली थी इंक्लूडिंग एलजी साहब ने उस समय 15 नवंबर को यानी कि 2 दिन पहले एक नई शर्त लगा दी की एरिया में दुकान खोलने के लिए दीजिए और एमसीडी की मंजूरी ले ली थी उनके सुझाव पर पॉलिसी दोबारा पास होना चाहिए बहुत जरूरी है जो पॉलिसी के तहत दुकानें खुलती रही है दिल्ली में हमेशा दुकानें खुलती है सालती रही है और इसकी मंजूरी से खुलती है 2015 से मैं देख रहा हूं मैंने उससे पहले की भी फाइलें देखी है |

2015 से भी पहले 10 साल की फाइलें देखी हैं एलजी साहब के पास एरिया में दुकानें खुलने की फाइल जाती थी और उसको करते थे एलजी साहब के पास एरिया में दुकानें खुलने की फाइल जाती थी और उसको करते थे जब पानी में लिख कर गए क्या ऑफिस एरिया में दुकानें खुलेगी उस वक्त भी उसका प्रूफ किया लेकिन बाद में जब फाइलों के प्रबल गया दुकान खोलने के लिए उस वक्त एलजी ऑफिस अचानक अपना स्टैंड चेंज करता है और कहता है कि इसके लिए दीदी और एमसीडी की मंजूरी देना एलजी साहब को भी पता था कि यह मंजूरी दी है और एमसीडी से नहीं ली जाएगी बल्कि राज्यपाल उप राज्यपाल महोदय के ऑफिस से हमेशा की तरह से जैसे पहले होता था लेकिन उन्होंने बहुत आश्चर्यजनक तरीके से एक नई कंडीशन इसमें लगाई पूरा का पूरा स्टैंड चेंज किया उस पॉलिसी में जो डिपार्टमेंट ने तैयार की थी उस वक्त नहीं था जबकि उस वक्त नहीं था |

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