Chhattisgarh Monsoon Session 2022: छत्तीसगढ़ सरकार के विरुद्ध विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में चर्चा जारी है। सबसे पहले भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने चर्चा शुरू की। उन्होंने कहा, व्यक्ति नहीं सरकार के खिलाफ आरोप लगाते हैं। सरकार के कुनबे में लठ चल रही है। मुख्यमंत्री को मंत्री, मंत्री को मुख्यमंत्री पर ही विश्वास नहीं है। प्रशासन को शासन पर विश्वास नहीं है, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव लाया है। हमसे पहले तो एक मंत्री ही अविश्वास प्रस्ताव ले आए। और उस मंत्री को हटाने का सरकार में दम नहीं है। 18 लाख लोगो के सिर से छत छीन ली जाए, इससे बड़ा अविश्वास कोई नहीं है। मंत्रियों के निर्णयों की समीक्षा चीफ सेक्रेटरी करें, ये कैसी सरकार है।
इसी बीच पक्ष-विपक्ष में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने के समय पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष की रोका-टोकी और व्यवधान पर विपक्ष बिफर गया। आसंदी की समय सीमा की व्यवस्था का हवाला देकर विपक्ष ने हंगामा किया। सभापति सत्यनारायण शर्मा ने कहा था समय सीमा का ख्याल रखे। इसके बाद सदन में पक्ष-विपक्ष में तीखी बहस हुई। आसंदी ने बृजमोहन अग्रवाल से समय का ध्यान रखने की बात कही। इस पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी टिप्पणी की। जिसे लेकर भाजपा सदस्यों ने आपत्ति जताई।
मुख्यमंत्री भूपश बघेल ने कहा, सभी अलग-अलग दलों का समय निर्धारित किया गया है। आसंदी ने स्मरण भी दिलाया फिर भी बृजमोहन जी का कहना है तो मैं बैठ जाता हूं। अगर उन्हें 56 मिनट अकेले कहना है तो बोल लेने दीजिए। मेरे कहने का उद्देश्य है कि समय का पूरा पालन किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, समय का ध्यान रखना आसंदी की व्यवस्था है। इस पर नाराज होने का कोई सवाल नही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस तरह सत्ता पक्ष रोकटोक करा रहा है, उससे ऐसा लगता है कि सत्तापक्ष चर्चा से डर रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सदन के नेता खड़े होकर बात रखने लगे तो आप लोग खड़े होकर मर्यादा तोड़े। नेता प्रतिपक्ष आप ऐसे सदन चलाना चाहते हैं।
विपक्ष के विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने विधायक छन्नी साहू का मामला उठाते हुए कहा, विधायक और विधायक पति भी सुरक्षित नहीं है। विधायिका का भी अपमान हो रहा है। ये कहां का हाउस है, जिसे लेकर विधायक कहते हैं कि सारा कार्य हाउस से संचालित हो रहा। प्रदेश की जनता ने नए सपने संजोकर बहुत बड़ा बहुमत दिया, लेकिन साढ़े तीन सालों में जनता के उम्मीद का गला घोट दिया गया है। हम लालटेन लेकर ढूंढ रहे है कि कहा है प्रदेश का फूड पार्क, जहां टमाटर लेकर जाते हैं और केचअप बनाकर आते है।
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कहावत थी लेकिन उस को चरितार्थ करने का काम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के द्वारा किया जा रहा है। चुनाव आते ही सीमेंट रेट, लोहे के रेट बढ़ जाते हैं। सरकार की संपत्ति को चोरी करने के लिए वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। ट्रांसपोर्टर पर कार्रवाई की जाती है, खुदाई करने वाले पर नहीं। मैंने पहले ही कहा था, छत्तीसगढ़ में माफिया राज पैदा हो जाएगा।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, मैं 33 सालों से सदन की कार्यवाही में शामिल हो रहा हूं। 10 बार अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में शामिल हुआ हूं। आज तक कभी चर्चा को रोकने की कोशिश नहीं हुई। ये अजीब नजारा है। सरकार हमको बोलने नहीं दे रही है। रेत से तेल निकाला जा रहा, अधिकारी क्या कर रहे हैं। आज ये देख के शर्म आता है। साढ़े तीन साल में प्रदेश में आत्महत्या की बाढ़ आ गई है। 792 किसानों और 9 हजार से अधिक युवाओं ने आत्महत्याएं की है। सरकार कहती है कि सोने की चिड़िया है प्रदेश, तो आज ये स्थिति क्यों।
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, सरकार ने घोषणा पत्र में दो साल का बकाया बोनस देने का वादा किया था। कहां गया वह वादा। 5 हजार करोड़ से ज्यादा का मध्यकालीन और दीर्घकालीन ऋण बाकी है। चिराग योजना, जिसमे अधिकारियों की पत्नियां ही नौकरी कर रही, भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।
इससे पहले छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के छठवें दिन की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। विपक्ष के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।प्रश्नकाल में अनियमित कर्मचारियों के मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया।
लगभग पौने चार वर्ष के कार्यकाल में बघेल सरकार के विरुद्ध यह पहला अविश्वास प्रस्ताव है। हालांकि संख्या बल के हिसाब से प्रस्ताव का गिरना तय है, लेकिन इस पर चर्चा के दौरान सदन में दोनों तरफ से तीखे हमले होने की उम्मीद है। बता दें कि बुधवार को ही मानसून सत्र का अंतिम दिन भी है।
अविश्वास प्रस्ताव से निपटने की रणनीति पर मंथन
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव से निपटने की रणनीत
Chhattisgarh Monsoon Session: छत्तीसगढ़ विधानसभा में शिक्षक भर्ती के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष ने मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि 3 साल से अब तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई. स्कूल शिक्षा मंत्री के संतोषजनक जवाब नहीं देने पर विपक्ष का गुस्सा भड़क उठा और जमकर हंगामा किया. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में अभी तक 14 हजार 580 में से करीब 11 हजार शिक्षकों की भर्ती हो सकी है. मानसून सत्र के 5वें दिन विपक्ष ने शिक्षक भर्ती का मुद्दा उठाया गया.
14 हजार 580 शिक्षकों की भर्ती का मामला
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम ने जवाब दिया कि भर्ती प्रक्रिया चालू है और भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक कुछ कहा नहीं जा सकता. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर के सवाल पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि व्याख्याता के 2642, शिक्षक के 3473 और सहायक शिक्षक के 4 हजार 326 पद भरे गए हैं. शिक्षा मंत्री ने आगे बताया कि भर्ती प्रक्रिया में अब तक अनियमितता की शिकायत नहीं मिली है.
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स्कूल शिक्षा मंत्री के जवाब से भड़का विपक्ष
स्कूल शिक्षा मंत्री के जवाब पर आपत्ति दर्ज करते हुए बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रश्न को संशोधित कर दिया गया है. सत्यापन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी मांगी गई थी. उन्होंने कहा कि शिक्षकों के दस्तावेज सत्यापन में कितना समय लगता है. जवाब देते हुए फिर शिक्षा मंत्री ने कहा कि व्याख्याता का सत्यापन डीपीएआई स्तर पर, शिक्षक का सत्यापन संभागीय स्तर पर और सहायक शिक्षक का सत्यापन जिला स्तर पर किया जाता है.
अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में कल होगी चर्चा
गौरतलब है की छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही 27 जुलाई को खत्म हो रही है. कल सदन में बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने विधायकों के साथ बैठक की है. बीजेपी कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव के एक विभाग से इस्तीफा पर कांग्रेस को घेरने की रणनीति बना रही है. कांग्रेस मजबूती से पक्ष रखने के लिए सभी विधायकों को कल विधानसभा में मौजूद रहने की कवायद कर रही है.